महावीर
महावीर वर्धमान जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर है। महावीर का जन्म एक राज परिवार में हुआ। 30 वर्ष की आयु में वे राज-वैभव को छोड़कर संन्यासी बन गए। 12 वर्ष की कठोर तपस्या के पश्चात् उन्हें परम ज्ञान की प्राप्ति हुई।
उन्होंने पंचशील के सिद्धांतों का प्रचार किया। ये पाँच सिद्धांत है - अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और संयम।
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